अभिव्यक्ति : कुछ अनकही सी (abhivyaktibyrcgaur)
भुगतान शेष/संतुलन (Balance of payments)
आज प्रत्येक देश का दूसरे देश के साथ व्यापारिक संबंध होता है। आयात, निर्यात, पूंजी प्रवाह एवं उसका हस्तांतरण, सेवाओं को प्रदान करना या उपयोग करना अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की महत्वपूर्ण शर्तें है। सामान्य अर्थ में, भुगतान शेष या संतुलन किसी दिए हुए वर्ष में दूसरे देशों के साथ आर्थिक लेन - देन का ब्यौरा प्रस्तुत करता है। बो - सोडर्स्टन के अनुसार, " भुगतान शेष किसी देश के लिए अन्तर्राष्ट्रीय लेन - देन में प्राप्तियों तथा भुगतान को दर्ज करने का तरीका मात्र हैं। "
बेन्हम के शब्दों में, " किसी देश का भुगतान शेष किसी दिए हुए समय में सारे संसार के साथ उसके लेन - देन का लेखा है।"
Today each country has a business relationship with another country. Import, export, capital flow and its transfer, providing or using services are important terms of international trade. In a general sense, the balance of payments or balance represents the details of economic transactions with other countries in a given year. According to Bo-Sodersten, "Payments are just a way for a country to record receipts and payments in international transactions."
In the words of Benham, "The balance of payments of a country is the account of its transactions with the whole world at a given time."
भुगतान शेष की विशेषताएं
(Features of Balance of Payments)
1. यह आयात - निर्यात संबंधी भुगतान और प्राप्तियों का क्रमबद्ध लेखा है।
It is a hierarchical account of import-export related payments and receipts.
2. यह निश्चित अवधि का लेखा - जोखा होता है।
It is a fixed-period account.
3. यह दोहरी अंकन प्रणाली के आधार पर लेखाबद्ध किया जाता है।
This is done on the basis of a double-marking system.
4. यह व्यापक प्रणाली है, जिसमे सभी मदो को शामिल किया जाता है।
It is a comprehensive system that includes all items.
व्यापार शेष (Balance of Trade)
किसी देश के कुल दृश्य निर्यात एवं कुल दृश्य आयात के मूल्य मे जितना अंतर होता हैं, उसे उस देश का व्यापार शेष कहा जाता है।
व्यापार शेष = दृश्य मदो का निर्यात - दृश्य मदो का आयात
The difference in the value of total visible exports and total imports of a country is called the balance of trade of that country.
Balance of trade = export of visual items - import of visual items
भुगतान शेष के आर्थिक सौदे/मदें
Economic balances / items of balance of payments
1. दृश्य मदे (Visible Items) - इसमें सभी प्रकार की भौतिक वस्तुओं का आयात - निर्यात सम्मिलित होता है।
This includes import and export of all types of material goods.
2. अदृश्य मदे (Invisible Items) - इसमें सभी प्रकार के सेवाओं के मूल्य को शामिल किया जाता हैं।
This includes the value of all types of services.
3. पूंजी अंतरण (Capital Transfer) - इसके अंतर्गत पूंजीगत प्राप्तियों और भुगतानो को सम्मिलित किया जाता है।
This includes capital receipts and payments.
भुगतान शेष की संरचना/संघटक
(Structure/Components of Balance of Payments)
भुगतान शेष की संरचना में दो प्रकार के खाते सम्मिलित होते है-
I) चालू खाता (Current Account) - इसमें वस्तुओं और सेवाओं के आयात और निर्यात एवं एकपक्षीय भुगतानो का हिसाब - किताब रखा जाता है।
In this, the books of imports and exports of goods and services and unilateral payments are kept.
चालू खाते की मदे ( Components of Current Account)
A) दृश्य व्यापार शेष/दृश्य व्यापार खाता
(Merchandise Trade Account)
- दृश्य वस्तुओं का आयात व निर्यात चालू खाते की सबसे बड़ी मद है। निर्यातों को लेनदारी पक्ष तथा आयतों को देनदारी पक्ष में रखा जाता है।
Import and export of visual items is the largest item of current account. Exports are kept on the debt side and rectangles on the debt side.
B) अदृश्य व्यापार खाता/अदृश्य व्यापार शेष
( Invisible Trade Account)
- अदृश्य मद में यात्रा का खर्च,बीमा, विशेषज्ञों की सेवाएं,निवेश आय,सरकारी लेन - देन आदि आते है।
Invisible items include travel expenses, insurance, services of experts, investment income, government transactions, etc.
C) एकपक्षिय अंतरण
(Unilateral Transfer)
इसमें विदेशों से प्राप्त दान व उपहार आदि लेनदारी पक्ष तथा अन्य देशों को दिए गए दान व उपहार को देनदारी पक्ष में रखे जाते है।
In this, donations and gifts received from foreign countries are kept on the liability side and donations and gifts given to other countries are kept in the liability side.
II) पूंजी खाता ( Capital Account) - इस लेखे के अंतर्गत देश की वित्तीय संपत्तियों के लेन - देन आते है जो अल्पकाल तथा दीर्घकाल के लिए उधार - दान तथा उधार - ग्रहण एवं निजी तथा सरकारी निवेशों से संबंधित होते है। इसमें पूंजी का लेन - देन , ऋण देना, ऋण की अदायगी इत्यादि आते हैं।
- Under this account, transactions of financial assets of the country are covered, which are related to short term and long term borrowing and borrowing and private and government investments. This includes the transaction of capital, lending, repayment of loan, etc.
पूंजी खाते की मदे (Components of Capital Account)
इसके अंतर्गत गैर - सरकारी या निजी सौदे,विदेशी प्रत्यक्ष विनियोग, पोर्टफोलियो विनियोग आदि आते हैं।
This includes non-government or private transactions, foreign direct investment, portfolio investment etc.
भुगतान शेष मे असंतुलन के कारण
(Causes of imbalance in balance of payments)
1. राष्ट्रीय आय मे वृद्धि होने से आयात बढ़ जाता है,जिससे असंतुलन उत्पन्न हो जाता है।
The increase in national income increases imports, causing imbalances.
2. मूल्य वृद्धि या स्फीति के कारण भी असंतुलन उत्पन्न होता है।
Imbalance also arises due to price rise or inflation.
3. मौसमी उतार - चढाव एवं व्यापार में आकस्मिक परिवर्तन के कारण असंतुलन उत्पन्न होता है।
Imbalances arise due to seasonal fluctuations and sudden changes in trade.
4. तकनीकी परिवर्तन एवं प्रतियोगिता के कारण भी असंतुलन उत्पन्न होता है।
Imbalance also arises due to technological changes and competition.
5. आर्थिक विकास को तीव्र करने के कारण असंतुलन उत्पन्न होता है।
Imbalance arises due to intensifying economic growth.
भुगतान शेष के असंतुलन को ठीक करने के उपाय
(Measures to correct the imbalances of payments balance)
1. अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करने से निर्यात मे वृद्धि होती है और भुगतान शेष घाटा समाप्त हो जाता है।
Devaluation of its currency increases exports and eliminates the balance of payments deficit.
2. विनिमय मूल्य का ह्रास करके भी असंतुलन कम किया जाता है।
The imbalance is also reduced by depreciating the exchange value.
3. निर्यात को प्रोत्साहन दे कर भी असंतुलन दूर किया जाता है।
Imbalance is also overcome by encouraging exports.
4. सरकार प्रत्यक्ष नियंत्रण के उपाय जैसे आयात शुल्क बढ़ा कर,कोटा निर्धारित करके,चुंगी लगा कर आदि को अपना कर असंतुलन को कम किया जा सकता है।
Imbalance can be reduced by adopting government direct control measures like raising import duties, setting quotas, taxing, etc.
लेखांकन के अर्थ में भुगतान शेष हमेशा संतुलित होता है,क्योंकि बैलेंस शीट में दोनों ओर की प्रविष्टियां - डेबिट एवं क्रेडिट बराबर होते है।लेकिन वास्तव में भुगतान शेष प्रतिकूल, अनुकूल या संतुलित होता है। यदि कुल देनदारियां प्राप्तियों से अधिक है तो भुगतान शेष प्रतिकूल होगा। यदि कुल प्राप्तियां देनदारियों से अधिक है तो भुगतान शेष अनुकूल या आधिक्य होगा। यदि कुल देनदारियां और प्राप्तियां बराबर है तो भुगतान शेष को संतुलित माना जाएगा।
In the accounting sense, the balance of payments is always balanced, because the entries on both sides in the balance sheet - debit and credit are equal. But in reality the balance of payments is unfavorable, favorable or balanced. If the total liabilities exceed the receivables, the balance of payments will be unfavorable. If the total receipts exceed the liabilities, the balance of payments will be favorable or surplus. If the total liabilities and receivables are equal, the balance of payments will be considered balanced.
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