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विनिमय दर - Exchange rate (Economics)

अभिव्यक्ति : कुछ अनकही सी (abhivyaktibyrcgaur)


विनिमय दर (Exchange rate )


विनिमय दर (Exchange Rate)

एक देश का दूसरे देश के साथ व्यावसायिक एवं व्यापारिक संबंध होता है और सभी देशों की अपनी - अपनी करेंसी होती है,जिसमे वो एक - दूसरे को भुगतान करते है। परन्तु भुगतान करने के लिए विभिन्न करेंसी की अपनी एक दर होती है, जिसे विनिमय दर/ विदेशी विनिमय दर कहते है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि वह दर जिस पर एक मुद्रा का दूसरे मुद्रा में विनिमय किया जाता है, विनिमय दर/विदेशी विनिमय दर कहलाता हैं। जैसे कि 1 डॉलर के लिए यदि 72 भारतीय रुपए देने पड़े तो यह भारतीय रुपए और डॉलर का विनिमय दर होगा।
सेयर्स के शब्दों में, "चलन मुद्राओं के परस्पर मूल्य को ही विदेशी विनिमय कहते हैं। "
A country has a commercial and trade relationship with another country and all countries have their own currency, in which they pay each other. But to make payment, different currency has its own rate, which is called exchange rate / foreign exchange rate. In other words we can say that the rate at which one currency is exchanged in another currency is called exchange rate / foreign exchange rate. For example, if you had to pay 72 Indian rupees for 1 dollar, then it would be the exchange rate of Indian rupee and dollar.
According to Sayers, " The price of currencies in the terms of each other is called foreign exchange rate."

विनिमय दर के प्रकार (Types of Exchange Rate)

विनिमय दर दो प्रकार की होती है:-
1. स्थिर विनिमय दर (Fixed Exchange Rate)
2. लोचपूर्ण विनिमय दर (Flexible Exchange Rate)


स्थिर विनिमय दर (Fixed Exchange Rate)

यह वह दर है जिसका निर्धारण सरकार द्वारा किया जाता हैं। इसमें सामान्यतः कोई परिवर्तन नहीं होता है या परिवर्तन एक निश्चित सीमा तक ही किए जा सकते है।
This is the rate that is determined by the government. There is usually no change or changes can be made only to a certain extent.

इसके दो स्वरूप प्रचलित थे, जो निम्नांकित है:-

1.  विनिमय दर की स्वर्णमान प्रणाली 
( Gold Standard  system of exchange rate)

इस प्रणाली मे प्रत्येक देश को अपनी मुद्रा का मूल्य स्वर्ण मे परिभाषित करना पड़ता था। एक मुद्रा का मूल्य दूसरी मुद्रा में निर्धारित करने के लिए प्रत्येक मुद्रा के स्वर्ण मूल्य की तुलना की जाती थी।विनिमय की इस प्रणाली को विनिमय का टकसाली समता मूल्य भी कहा जाता था।
In this system, each country had to define the value of its currency in gold. The gold value of each currency was compared to determine the value of one currency in another currency. This system of exchange was also called the parity value of the exchange.

2. विनिमय दर की ब्रेटन वुड्स प्रणाली
(Bretton woods system of exchange rate)

इस प्रणाली को विनिमय दर की समंजनीय सीमा प्रणाली भी कहा जाता है। इसमें विभिन्न मुद्राओं को एक मुद्रा अर्थात अमेरिकी डॉलर के साथ संबद्ध कर दिया गया। साथ ही ,एक मुद्रा का अमेरिकी डॉलर के रूप में मूल्य का निहित अर्थ उस मुद्रा का सोने के रूप में मूल्य माना गया।

 This system is also called the Adjustable Peg  system of exchange rate. In this, different currencies were associated with one currency i.e. US dollar. Also, the implied meaning of a currency's value in US dollars was the value of that currency as gold.

स्थिर विनिमय दर के गुण (Merits of Fixed Exchange Rate)

1. आपसी लेन देन और भुगतान सरल हो जाने से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि होती हैं।
International trade increases as mutual transactions and payments become simpler.
2. इससे पूंजी निर्माण में वृद्धि होती हैं।
This increases capital formation.
3. विदेशी पूंजी को प्रोत्साहन मिलता है।
Foreign capital is encouraged.
4. इससे आर्थिक नियोजन संभव हो पाता है।
This makes economic planning possible.

स्थिर विनिमय दर के दोष (Demerits of Fixed Exchange Rate)

1. यह राष्ट्रीय हितों को अवहेलना करता है।
 It defies national interests.
2. संसाधनों के गलत आबंटन की संभावना रहती है।
There is a possibility of wrong allocation of resources.
3. स्थिर विनिमय दरें हमेशा संभव नहीं होती है।
Fixed exchange rates are not always possible.


लोचपूर्ण विनिमय दर (Flexible Exchange Rate)

इस विनिमय दर का निर्धारण बाजार की शक्तियों द्वारा होता है।इसलिए इस तरह की दर को लोचदार या तैरती हुई विनिमय दर कहा जाता है।यह विनिमय दर मांग एवं पूर्ति के परिवर्तनों के साथ बदलती रहती है।

R = f (D, S)
यहां R = विनिमय दर,
D = अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में विभिन्न मुद्राओं की मांग,
S = अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में विभिन्न मुद्राओं की पूर्ति,

जिस विनिमय दर पर विदेशी मुद्रा की मांग उसकी पूर्ति के बराबर हो जाए, उसे विनिमय की समता दर या विनिमय की सामान्य दर या विनिमय की संतुलन दर कहते है।
This exchange rate is determined by market forces, thus such a rate is called the elastic or floating exchange rate. This exchange rate varies with changes in demand and supply.

R = f (D, S)
Here R = exchange rate,
D = demand for different currencies in the international market,
S = supply of different currencies in the international market,

The exchange rate at which the demand for foreign currency becomes equal to its supply is called parity rate of exchange or normal rate of exchange or equilibrium rate of exchange.


लोचदार विनिमय प्रणाली के गुण
(Merits of flexible exchange rate system)

1. यह एक सरल प्रणाली है जिसमे कोई हस्तक्षेप नहीं होता है।
It is a simple system in which there is no interference.
2. संसाधनों का कुशलतम उपयोग संभव हो पाता है।
Efficient use of resources is possible.
3. इसमें सतत समायोजन द्वारा दीर्घकालीन असंतुलन से बचा जा सकता हैं।
 Long-term imbalance can be avoided by continuous adjustment in it.

लोचदार विनिमय प्रणाली के दोष
(Demerits of flexible exchange rate system)

1. लोचदार विनिमय दरें अनिश्चितता उत्पन्न करने वाली होती हैं।
Elastic exchange rates are uncertain.
2. विनिमय दरों मे कम लोच होने पर विदेशी विनिमय बाजार अस्थिर हो जाता है।
The foreign exchange market becomes unstable due to low elasticity in exchange rates.
3. यह स्फीति को बढ़ावा देती है।
It promotes inflation.

विनिमय दर का निर्धारण/विनिमय का मांग - पूर्ति सिद्धान्त
Determination of exchange rate / Demand  - supply theory for exchange rate

जिस प्रकार वस्तु की कीमत बाजार में मांग और पूर्ति की शक्तियों द्वारा निर्धारित होती है,उसी प्रकार विनिमय दर भी विदेशी विनिमय बाजार में मांग और पूर्ति द्वारा निर्धारित होती है।सभी देशों में वस्तुओं , सेवाओं एवं पूंजी के लेन - देन किए जाते हैं, जिसके बदले मे विदेशी विनिमय में भुगतान एवं प्राप्तियां होती है।
जब विदेशी विनिमय में भुगतान किया जाता है तो उस देश द्वारा विदेशी विनिमय की मांग की जाती है।जब विदेशी विनिमय की प्राप्तियां मिलती है तो उस देश में विदेशी विनिमय की पूर्ति होती है।
Just as the price of a commodity is determined by the forces of demand and supply in the market, the exchange rate is also determined by the demand and supply in the foreign exchange market. Transactions of goods, services and capital are done in all countries, Which in turn leads to payments and receipts in foreign exchange.
When payment is made in foreign exchange, foreign exchange is demanded by that country. When foreign exchange receipts are received, foreign exchange is fulfilled in that country.

विदेशी विनिमय की मांग (Demand for foreign exchange)

विदेशी विनिमय की मांग मुख्य रूप से वस्तुओं और सेवाओं के आयात तथा विदेशों में विनियोग करने व ऋण देने के कारण उत्पन्न होती हैं।
विदेशी विनिमय की दर और मांगी गई मात्रा मे विपरीत संबंध होता है।विदेशी विनिमय का मांग वक्र बाए से दाए नीचे गिरता हुआ होता हैं।
विदेशी विनिमय की मांग निम्न स्रोतों से उत्पन्न होती है:-
I) विदेशों से वस्तुओं व सेवाओं का आयात
II) विदेशों में निवेश
III) विदेशों में भेंट उपहार योजना
IV) विदेशी मुद्राओ के मूल्य पर सट्टा
V) अन्तर्राष्ट्रीय सौदों से संबंधित अन्य भुगतान
The demand for foreign exchange arises mainly due to import of goods and services and appropriation and lending abroad.
The foreign exchange rate and quantity demanded are inversely related. The demand curve of foreign exchange is falling from left to right.
The demand for foreign exchange arises from the following sources: -
I) Import of goods and services from abroad
II) Investment abroad
III) Overseas Gift Gifts Scheme
IV) speculation on the value of foreign currencies
V) Other payments related to international deals

विदेशी विनिमय की पूर्ति ( Supply of foreign exchange)

विदेशी विनिमय की पूर्ति, विदेशी विनिमय दर और विदेशी विनिमय की पूर्ति के बीच फलनात्मक संबंध को दर्शाती है। विदेशी विनिमय दर और पूर्ति मात्रा मे प्रत्यक्ष संबंध होता है।विदेशी विनिमय का पूर्ति वक्र धनात्मक ढाल वाला बाए से दाए ऊपर की ओर बढ़ता हुआ होता है।
विदेशी विनिमय की पूर्ति के मुख्य स्रोत निम्नांकित है:-
I) विदेशों को वस्तुओं व सेवाओं का निर्यात
II) गृह - देश में विदेशियों द्वारा निवेश
III) शेष संसार में भेंट उपहार प्राप्त करना
IV) विदेशी विनिमय के सौदागरों एवं सट्टा करने  वालो के कारण विदेशी मुद्रा का देश की ओर आना
V) अंतरराष्ट्रीय सौदों से संबंधित प्राप्तियां
Fulfillment of foreign exchange indicates a palpable relationship between foreign exchange rate and foreign exchange supply. The foreign exchange rate and supply volume have a direct relationship. The supply curve of foreign exchange is a positive gradient moving from left to right.
The main sources of supply of foreign exchange are: -
I) Export of goods and services to foreign countries
II) Home - Investment by foreigners in the country
III) Receiving gifts in the rest of the world
IV) Foreign exchange coming to the country due to foreign exchange dealers and speculators
V) Receipts related to international deals

विदेशी विनिमय बाजार (Foreign Exchange Market)

विदेशी विनिमय बाजार वह बाजार है जिसमे संसार के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय मुद्राओं का क्रय या विक्रय किया जाता हैं।इस प्रकार यह विदेशी मुद्रा की खरीद व बिक्री का एक संस्थागत प्रबंध का स्थान है।
The foreign exchange market is the market in which the national currencies of different countries of the world are bought or sold. Thus it is the place of an institutional arrangement for the purchase and sale of foreign currency.

विदेशी विनिमय बाजार के कार्य
(Functions of Foreign Exchange Market)

1. यह विभिन्न देशों के बीच क्रय - शक्ति का हस्तांतरण करता है।
It transfers purchasing power between different countries.
2. यह विदेशी व्यापार के सौदे के लिए ऋण प्रदान करता है।
It provides loans for foreign trade transactions.
3. यह जोखिम से सुरक्षा के लिए हाजिर एवं वायदा खरीद बिक्री की सुविधाएं प्रदान करता है।
It provides spot and futures buying and selling facilities for risk protection.

विदेशी विनिमय बाजार की कार्य पद्धति
(Operation of foreign exchange market)

विदेशी विनिमय बाजार में दो प्रकार की विनिमय दरें होती है - तत्काल विनिमय दर और अग्रिम विनिमय दर।
तत्काल या स्पॉट या हाजिर या चालू विनिमय दर वह दर है जिस पर एक देश की करेंसी का दूसरे देश की करेंसी से वर्तमान समय में विनिमय किया जाता है।जबकि अग्रिम या वायदा विनिमय दर वह दर है जिसमे भविष्य में विदेशी करेंसी उपलब्ध की जाती हैं।
इसके आधार पर विदेशी विनिमय बाजार दो प्रकार के होते है:-
I) हाजिर/ चालू बाजार - यह वह बाजार होता है जिसमे केवल चालू या हाजिर लेन - देन किया जाता है। इस बाजार की प्रवृति दैनिक होती है और इसका भविष्य के लेन - देन से कोई संबंध नहीं होता है।
II) वायदा बाजार - यह वह बाजार होता है जिसमे भविष्य में किसी तिथि पर पूरे होने वाले लेन - देन का कारोबार होता है। यह बाजार भविष्य से संबंधित होता है और इसमें विदेशी विनिमय का चालू लेन - देन नहीं होता है।
There are two types of exchange rates in the foreign exchange market - instant exchange rate and advance exchange rate.
The instant or spot or spot or current exchange rate is the rate at which the currency of one country is exchanged with the currency of another country at the present time. While the advance or forward exchange rate is the rate in which foreign currency is made available in future. .
Based on this, there are two types of foreign exchange market: -
I) Spot / Current Market - This is the market in which only current or spot transactions are done. This market has a daily trend and has no relation to future transactions.
II) Futures market/Forward Market - It is the market in which the transactions completed on some date in the future are traded. This market is related to the future and there is no ongoing foreign exchange transaction.

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