अभिव्यक्ति : कुछ अनकही सी (abhivyaktibyrcgaur)
बजट का अर्थ (Meaning of Budget)
बजट शब्द की उत्पत्ति फ्रांसीसी शब्द "Bougetee" से हुई है,जिसका अर्थ है- चमड़े का थैला। वर्तमान समय मे वित्त मंत्री बजट प्रस्ताव चमड़े के थैले में रख कर लाते है। इसका प्रयोग सबसे पहले 1773 में ब्रिटिश वित्त मंत्री द्वारा किया गया था।
सामान्य अर्थ में बजट सरकार की आय - व्यय का लेखा जोखा होता है। परन्तु वास्तव में यह हमे सरकार की सोच और उसकी आगामी नीतियों की भी जानकारी देती है।
रिचार्ड गुड़ (Richard Goode) के अनुसार," एक सरकारी बजट सरकार की प्राप्तियों एवं व्ययो की वित्तीय योजना होती है।"
( A Government Budget is a financial plan covering outlays and receipts )
फिंडले शिराज(Findlay Shirras) के शब्दों में,"संक्षेप में, बजट में गत वर्ष की आय एवं व्यय का विवरण , आने वाले वित्तीय वर्ष के अनुमान तथा घाटों को पूरा करने हेतु साधनों के मार्ग या बचत को वितरित करने के प्रस्ताव सम्मिलित रहते है।"
(A budget in short includes a statement of the receipts and expenditure of the previous year, an estimate of the receipts and expenditure of the ensuring financial year and proposals as to meet ways and means for meeting a deficit or distributing a surplus, if any)
बजट निर्माण के उद्देश्य ( Purpose of Budget making )
1. यह नीति निर्माण के लिए एक आधार प्रदान करता है।
(It gives a base for policy making.)
2. यह नीतियों के क्रियान्वयन का साधन होता है।
( It is the means for the implementation of policies.)
3. यह साधनों के प्रबंध का मार्गदर्शक होता है।
(It is the guide for the management of resources.)
4. यह कानूनी नियंत्रण का भी साधन होता है।
( It is the means for legal control.)
5. यह सरकार की भूतकाल की क्रियाओं, वर्तमान निर्णयों और भविष्य की सोच को बताता है।
( It clears the past actions, current decision and future thinking of Government.)
बजट के उद्देश्य/लाभ (Purpose/Merits of Budget)
1. यह वित्तीय स्थिति के आकलन में सहायता करता है।
(It helps to measure financial condition.)
2. यह सरकार या विधायिका की जिम्मेवारी सुनिश्चित करता है।
(It ensure the responsibility of Government or Legislature.)
3. यह प्रशासनिक कुशलता और प्रबंधन के उपकरण के रूप में कार्य करता है।
(It works as a tool of administrative efficiency and management.)
4. यह वित्तीय नीति के उपकरण के रूप में कार्य करता है।
(It works as a tool of financial policy.)
5. यह आर्थिक नियोजन में सहायता करता है।
(It helps in Economic planning.)
6. यह सार्वजनिक निधि के नियंत्रण का यंत्र है।
(It is a tool for the control of public funds/reserves)
7. यह सार्वजनिक कल्याण का आधार है।
(It is the base of public welfare.)
8. यह आर्थिक सूचनाओं का स्रोत है।
(It is the source of Economic informations.)
बजट के घटक - प्राप्तियां तथा व्यय
(Components of Budget - Receipts and Expenditure)
बजट के दो घटक होते है, जो निम्नांकित है:-
1. राजस्व प्राप्तियां तथा राजस्व व्यय
(Revenue Receipts and Revenue Expenditure)
2. पूंजीगत प्राप्तियां तथा पूंजीगत व्यय
( Capital Receipts and Capital Expenditure)
राजस्व प्राप्तियां तथा राजस्व व्यय
(Revenue Receipts and Revenue Expenditure)
राजस्व प्राप्तियां - सरकार की सभी स्रोतों से प्राप्त आय का योग होती है जिसमे कर तथा गैर - कर राजस्व एवं व्यय शामिल होते है तथा राजस्व व्यय इन्हीं प्राप्तियों से ही पूरे किए जाते है। करों में आय कर,निगम कर,सीमा शुल्क,उत्पाद शुल्क आदि आते हैं जबकि गैर - कर राजस्व प्राप्तियों में फीस, लाइसेंस एवं परमिट, कीमतें, विशेष अंकन तथा विशेष कर आदि आते है। ये प्राप्तियां अर्थव्यवस्था में न तो देयताओं का निर्माण करते है और न ही परिसंपत्तियों को कम करते है।
(Revenue Receipts - It is the sum of income from all sources of government, which includes tax and non-tax revenue and expenditure, and revenue expenditure is met only from these receipts. Taxes include income tax, corporation tax, customs duty, excise duty, etc. Non-tax revenue receipts include fees, licenses and permits, prices, special marking and special taxes. These receipts neither create liabilities nor reduce assets in the economy.)
राजस्व व्यय - राजस्व व्यय से अभिप्राय सरकार द्वारा एक वित्तीय वर्ष में किए जाने वाले उस अनुमानित व्यय से है जिसके फलस्वरूप न तो सरकार की परिसंपति का निर्माण होता है और न ही देयता मे कमी होती है।
(Revenue Expenditure - Revenue expenditure refers to the estimated expenditure incurred by the government in a financial year which results in neither creation of government assets nor reduction in liability.)
पूंजीगत प्राप्तियां तथा पूंजीगत व्यय
( Capital Receipts and Capital Expenditure)
पूंजीगत प्राप्तियां -पूंजीगत प्राप्तियां वे मौद्रिक प्राप्तियां है जिनसे सरकार की देयता उत्पन्न होती है या परिसंपति कम होती है। इसमें विभिन्न प्रकार की उधार राशियां, ऋणो व अग्रिमो के भुगतान आदि शामिल हैं।
(Capital receipts - Capital receipts are monetary receipts from which government liability arises or asset is depleted. This includes various types of borrowings, repayment of loans and advances, etc.)
पूंजीगत व्यय - पूंजीगत व्यय से अभिप्राय एक वित्तीय वर्ष में सरकार के उस अनुमानित व्यय से है जो परिसंपत्तियों में वृद्धि करता है या देयता मे कमी करता है।
(Capital expenditure - Capital expenditure refers to the estimated expenditure of the government in a financial year that increases assets or decreases liability.)
बजट संबंधी सिद्धान्त (Theories of Budget)
बजट के संबंध में दो प्रकार की धारणाएं प्रचलित है, जो निम्नांकित है:-
1. संतुलित बजट की धारणा, जो क्लासिकल अर्थशास्त्रियों द्वारा दी गई है।
(Balanced Budget concept by Classical Economists)
2. असंतुलित बजट की धारणा, जो आधुनिक अर्थशास्त्रियों द्वारा दी गई है।
(Unbalanced Budget by Modern Economists)
संतुलित बजट (Balanced Budget)
इसके अंतर्गत यह माना जाता है कि सरकार को अपनी आय से अधिक व्यय नहीं करना चाहिए।सरकार को इस प्रकार का बजट बनाना चाहिए जिसमे आय और व्यय का संतुलन हो। प्रो. डाल्टन के अनुसार " संतुलित बजट वह है जिसमे एक समय अवधि में आय अधिक हो या कम से कम व्यय से कम नहीं हो"
संतुलित बजट को स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। क्लासिकल अर्थशास्त्रियों मे एडम स्मिथ, जे. बी. से. आदि इस विचारधारा का समर्थन करते है।
Under this, it is believed that the government should not spend more than its income. The government should make a budget in which there is a balance of income and expenditure. According to Prof. Dalton, "A balanced budget is that,over period of time, revenue exceeds,or at least does not fall short of expenditure "
A balanced budget is considered a symbol of stability. Among classical economists, Adam Smith, J.B. Say Etc. support this ideology.
असंतुलित बजट (Unbalanced Budget)
असंतुलित बजट उस बजट को कहा जाता है जब सरकार की प्रस्तावित व्यय अनुमानित राजस्व से अधिक होती है। दूसरे शब्दों में, आय की अपेक्षा व्यय अधिक होता है या दोनों बराबर नहीं होते है। प्रो. डाल्टन के अनुसार, " जब एक समय अवधि में व्यय राजस्व से अधिक होता है,तो बजट को असंतुलित कहा जाता है।"
कीन्स,लर्नर, हैंसन जैसे अर्थशास्त्रियों ने इस धारणा का समर्थन किया है।
असंतुलित बजट दो प्रकार का होता है:-
I) अतिरेक बजट (Surplus Budget)
जब सार्वजनिक या सरकारी राजस्व सरकारी व्यय से अधिक हो तो इसे अतिरेक बजट की संज्ञा दी जाती हैं। पुराने समय में अतिरेक बजट देश की अर्थव्यव्स्था की एक सामान्य विशेषता मानी जाती थी। वर्तमान समय मे ऐसा बजट सरकार की अकुशलता का प्रतीक माना जाता है।
II) घाटे का बजट (Deficit Budget)
जब सरकार की आय या राजस्व की तुलना में व्यय अधिक होता है तो उसे घाटे का बजट कहा जाता है। अर्धविकसित देशों में विकास के लिए संसाधन जुटाने की एक विधि के रूप में घाटे के बजट को अपनाया जाता है। भारत में भी घाटे का बजट अपनाया गया है।
Unbalanced Budget
Unbalanced budget is the budget when the proposed expenditure of the government exceeds the projected revenue. In other words, expenditure is more than income or both are not equal. According to Prof. Dalton, "When expenditures exceed revenue in a time period, the budget is said to be unbalanced."
Economists such as Keynes, Lerner, Hanson have supported this notion.
There are two types of unbalanced budget: -
I) Surplus Budget
When public or government revenue exceeds government expenditure, it is termed as excess budget. In the old days, excess budget was considered a common feature of the economy of the country. At present, such a budget is considered a symbol of inefficiency of the government.
II) Deficit Budget
When the expenditure is more than the income or revenue of the government, it is called deficit budget. Deficit budgeting is adopted as a method of mobilizing resources for development in semi-developed countries. The deficit budget has also been adopted in India.
भारत में बजट संबंधी धारणाएं (Budget Concepts in India)
1. राजस्व घाटा (Revenue Deficit)
राजस्व व्यय और राजस्व आय के अंतर को राजस्व घाटा कहते है। राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व और गैर - कर राजस्व दोनों को शामिल किया जाता है, जबकि राजस्व व्यय में राजस्व खाते पर योजना व्यय और गैर - योजना व्यय दोनों को सम्मिलित किया जाता है।
{राजस्व घाटा } = {राजस्व व्यय} - { राजस्व प्राप्तियां}
The difference between revenue expenditure and revenue income is called revenue deficit. Revenue receipts include both tax revenue and non-tax revenue, while revenue expenditure includes both plan expenditure and non-plan expenditure on the revenue account.
{Revenue Deficit} = {Revenue Expenditure} - {Revenue Receipts}
2. राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit)
राजकोषीय घाटे का संबंध सरकार की राजस्व तथा पूंजीगत दोनों प्रकार के व्ययों तथा राजस्व और उधार को छोड़कर बाकी पूंजीगत प्राप्तियों से है।
राजकोषीय घाटा=बजटीय घाटा + उधार एवं अन्य देयताएं
इसके दो स्वरूप है:-
1.सकल वित्तीय घाटा (Gross fiscal deficit)
यह कुल व्यय और राजस्व प्राप्तियों का अंतर होता है।
2. शुद्ध वित्तीय घाटा (Net fiscal deficit)
यह सकल वित्तीय घाटा और शुद्ध देशी उधार का अंतर होता है।
Fiscal Deficit
Fiscal deficit is related to both revenue and capital expenditure of the government and capital receipts excluding revenue and borrowings.
Fiscal deficit = budgetary deficit + borrowing and other liabilities
It has two forms: -
1. Gross fiscal deficit
It is the difference between total expenditure and revenue receipts.
2. Net fiscal deficit
It is the difference between gross financial deficit and net domestic borrowing.
3. प्राथमिक घाटा (Primary Deficit)
प्राथमिक घाटा राजकोषीय घाटे तथा भुगतान किए जाने वाले ब्याज का अंतर है।
प्राथमिक/सकल प्राथमिक घाटा=राजकोषीय घाटा - ब्याज भुगतान
The primary deficit is the difference between the fiscal deficit and the interest paid.
Primary / Gross Primary Deficit = Fiscal Deficit - Interest Payment
2 Comments
Budget is a scale of economy.
ReplyDeleteSuperb sir
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